जालोर।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह का निधन हो गया है। वे 8 बार सांसद रहे। उन्हें दलितों का मसीहा कहा जाता था। पंजाब की धरती से राजस्थान में उनकी सियासत और जालोर में उनकी पहली चुनावी जीत पर उनके साथ काम करने वाले नरेंद्र बालू अग्रवाल ने कई अनसुनी बातें बताई हैं। ग्रेनाइट उद्यमी और यूथ कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में 1984 में बूटासिंह के साथ रहते हुये कांग्रेस के लिये काम करने वाले अग्रवाल की जुबानी बूटा सिंह की राजस्थान में सिसासी जमीन की पूरी कहानी यहां सुनें।
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ग्रेनाइट उद्योग पनपाने में बूटासिंह का बड़ा योगदान
नरेंद्र बालू अग्रवाल ने बताया कि बूटासिंह जब जालोर आये थे, तब मैं यूथ कांग्रेस में था। नेता अशोक गहलोत के कहने पर हमारी टीम उनके साथ पूरे मन से जुट गई। उन्होंने यहां जीतने के बाद ग्रेनाइट उद्योग को पनपाने में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने प्रशासन को स्पष्ट कहा दिया था कि उद्योग के लिए लोन की कोई भी फ़ाइल नहीं रोकें।
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13 भाषाओं का था ज्ञान
नरेंद्र बालू अग्रवाल के अनुसार बूचा सिंह को 13 भाषाओं का ज्ञान था। उनका कहना है कि वे बेहद सहज सरल इंसान थे। वे उर्दू के शायर थे ,तो संस्कृत के पंडित थे। वे जितना पीर शांतिनाथ जी से स्नेह रखते थे, उतना ही मस्तान बाबा से भी प्रेम रखते थे। जात-पान्त को भूलकर वे सभी को एक समान समझते थे। उनके निधन से बड़ी क्षति हुई है। उनके किये कार्य सदैव याद रखे जाएंगे।
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