भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ता देख पाक पीएम इमरान खान ने शांति का प्रस्ताव रखा है, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने वही घिसी-पिटी बातें दोहराईं हैं जिनका भारतीय चिंताओं से कोई संबंध नहीं हैं। बातचीत की पेशकश में उन्होंने पुलवामा हमले पर भारत द्वारा सबूत दिये जाने की हालत में कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन वह यह बताना भूल गए कि 26/11, पठानकोट और फिर उड़ी के हमलों पर दिए गए सबूतों पर पाकिस्तान ने क्या कार्रवाई की। इमरान खान के भाषण में जैश और लश्कर के आतंकी कैंपों को बंद कराए जाने का भी कोई जिक्र नहीं है जिसकी वजह से भारत ने हवाई हमले किए।
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