हरदा
भारी बारिश की वजह से एमपी में सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है। किसान लगातार मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने गुरुवार को सीहोर जिले में किसानों से मुलाकात भी की थी। अब हरदा में फसल बर्बाद होने के बाद खेतों की सफाई के लिए किसानों ने खेत में मवेशी छोड़ दिया है। किसानों का कहना है कि अचानक मोजेक बीमारी का प्रकोप हुआ और फसल खराब हो गई। किसानों ने खराब फसल से खेत को साफ करने के लिए मवेशियों को छोड़ दिया है, तो कहीं किसान खुद ही उखाड़ कर फेंक रहे हैं।
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दरअसल, जिले में पहले बारिश की कमी से खराब हुई सोयाबीन और उड़द की फसल ने पानी मिलते ही जैसे-तैसे बढ़त की तो पीला मोजक रोग की चपेट में आ गई। किसानों ने किसी तरह इस पर काबू पाया, तो अज्ञात बीमारी से फसल मुरझाकर सूखने लगी। इस स्थिति में किसानों को अब उत्पादन की कोई उम्मीद नहीं बची हैं। वे फसल को मवेशियों के हवाले करने लगे हैं। भुवनखेड़ी गांव में कई किसानों ने सोयाबीन और उड़द की फसल को भेड़ों के झुंड के हवाले कर दिया है।
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गांव के किसानों ने बताया कि उन्होंने 5 एकड़ में सोयाबीन फसल बोई थी। फसल पूरी तरह खराब होने से मवेशियों के हवाले किया गया। ऐसा गांव के अधिकतर किसानों ने किया है। जिले में सोयाबीन की फसल करीब 1 लाख 78 हजार हैक्टेयर में बोई गई है, लेकिन अचानक फसल खराब हो गई, जिससे किसानों ने फसल को मवेशियों के हवाले कर दिया है।
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