राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि पूजा पद्धति, कर्मकांड कोई हों लेकिन सबको मिलकर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर का मतलब अलगाववाद नहीं है। (difference doesn't mean separatism) 'मेकिंग ऑफ ए हिंदू पेट्रियॉट- बैकग्राउंड ऑफ गांधीजीज हिंद स्वराज' नाम की अंग्रेजी पुस्तक का विमोचन करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि जब तक मन में यह डर रहेगा कि आपके होने से मेरे अस्तित्व को खतरा है और आपको मेरे होने से अपने अस्तित्व पर खतरा लगेगा तब तक सौदे तो हो सकते हैं लेकिन आत्मीयता नहीं।
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