Saturday, January 2, 2021

राजीव गांधी के कहने पर पंजाब से राजस्थान पहुंचे थे बूटा सिंह, फिर यहीं के हो कर रह गये

जालोर। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सरदार बूटा सिंह (Sardar Buta Singh) का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। राजस्थान की जालोर संसदीय सीट से सरदार बूटासिंह ने 8 बार चुनाव लड़ा था, जिसमें से वे 4 बार सांसद रहे। सांसद रहते हुए राजीव गांधी सरकार में देश के गृह मंत्री भी रहे। सरदार बूटा सिंह का व्यक्तित्व जालोर के विकास के साथ जुड़ा हुआ है। सिंह के निधन से जालोर वासियों में शोक की लहर छायी है। उनके समर्थकों का कहना है कि बूटा सिंह ने जालोर जिले को देश में नई पहचान दिलाई है। सरदार बूटासिंह ने सांसद रहते हुए जालोर में ग्रेनाइट समेत रोडवेज के बस स्टैंड, दूरसंचार, कृषि, रेल संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्य किए। अकाल के समय सरदार बूटासिंह ने पंजाब से सेलड़ी अर्थात चारा मंगवाकर जालोर में किसानों व पशुपालकों की भरपूर मदद की थी। आज भी लोग इस बात को भूलाये नहीं भूलते हैं। बूटासिंह का अंत समय तक जालोरवासियों से बेहद लगाव रहा।
जब अकाल पड़ा तब पंजाब से चारा भर ट्रेन मंगवाई, जालोर के लिये ऐसे थे बूटा सिंह

बूटा सिंह के पंजाब से राजस्थान तक का सफर
साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में सरदार बूटासिंह को राजीव गांधी सबसे निकटतम साथी मानते थे। ऐसे में उन्हें जिताने के लिए राजस्थान की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट यानी जालोर संसदीय सीट पर चुनाव के लिए भेज दिया गया।

बूटासिंह का राजस्थान से सियासी सफर 1984 में जालोर से शुरू हुआ और अंतिम समय तक वे यहीं से चुनाव लड़े। 1984 में यहां से वे चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद राजीव गांधी की सरकार में देश में गृह मंत्री रहे। गृह मंत्री रहने के दौरान उन्होंने जालोरवासियों के लिए दिल्ली में रास्ते खोल दिए।
जालोरवासियों से सीधा मेल मिलाप रखने के लिए उन्होंने संपर्क रखा। हालांकि वर्ष 1989 में हुए चुनाव में बूटासिंह भाजपा के कैलाश मेघवाल के सामने हार गए थे, लेकिन वर्ष 1991 में फिर से बूटासिंह कांग्रेस की सीट से जीत हासिल करने में सफल हुए। उसके बाद वर्ष 1996 में कांग्रेस ने बूटासिंह का टिकट काटकर स्थानीय उम्मीदवार पारसाराम मेघवाल को टिकट थमा दी थी। 1998 में बूटासिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और उसकी बदौलत वे जीत हासिल करने में सफल हुए। उसके बाद 1999 में बूटासिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और वे सांसद बन गए। वर्ष 2004 में कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े, लेकिन वे हार गए। वर्ष 2009 और वर्ष 2014 में वे जालोर संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन ये दोनों चुनाव भी वो हार गए। इस तरह से जालोर संसदीय सीट से उन्होंने 8 बार चुनाव लड़ा जिसमें से वे चार बार सांसद रहे।
Rajasthan : शर्मनाक ! पहले किया मासूम का रेप , फिर करवाया गर्भपात


बूटासिंह की बदौलत वाजपेयी सरकार गिरी थी

बात 1998 की है जब बूटा सिंह ने जालोर से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता था। इस दौरान बूटासिंह को वाजपेयी सरकार ने संचार मंत्री के रूप में अपने कैबिनेट में शामिल किया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथियों के विरोध के कारण बूटासिंह को सरकार ने मंत्री पद से बर्खास्त किया। तब सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव में बूटासिंह ने अपना मत सरकार के विरुद्ध दिया। जिस कारण वाजपेयी की सरकार गिर गई थी और उसके बाद मध्यावधि चुनाव हुए थे।

इसलिये हमेशा याद किये जायेंगे बूटा सिंह
सरदार बूटासिंह ने सांसद रहते हुए जालोर संसदीय सीट से विभिन्न प्रकार के कार्य कराए। उन्होंने गृहमंत्री रहने के दौरान जालोर में कृषि संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्य करवाए। उन्होंने जालोर से पोषणा निवासी शैतान सिंह को भारतीय कृषि मंत्रालय के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के बोर्ड में सदस्य बनाया। जिसके चलते सिरोही और जालोर में कृषि विज्ञान केंद्र और अनुसंधान केंद्रों का संचालन शुरू हो सका। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के कार्य उन्होंने करवाएं। बूटासिंह ने जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र में जोधपुर से अहमदाबाद तक की एक रेलगाड़ी का संचालन भी शुरू किया, जो बाद में बूटा रेल के नाम से जानी जाने लगी। इसी प्रकार बूटासिंह ने जालोर से दिल्ली तक के लिए चार सुपर डीलक्स बसें शुरू करवाई थी ताकि जालोर के लोग दिल्ली का आवागमन में आसानी से कर सके। उस समय के दौरान सुपर डीलक्स की बसों की व्यवस्था जोधपुर में भी नहीं थी। वहीं वाजपेयी सरकार के बहुत कम कार्यकाल के दौरान बूटासिंह ने संचार मंत्री रहते हुए जालोर और सिरोही में संचार व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए कार्य किया। उन्होंने सिरोही में पोस्ट ऑफिस व बीएसएनएल के एसएसए कार्यालय शुरू करवाए। साथ ही दोनों जिलों में बस स्टैंड के निर्माण भी करवाए। (रिपोर्ट-दिलीप डूडी)
आने वाली है वैक्सीन ! राजस्थान ने किया प्री- वर्क पूरा ,जानिए क्या रहेगा आगे का प्लान




from न्यूज़ - वीडियो - Navbharat Times https://ift.tt/3rM6Fjj

No comments:

Post a Comment

Chronic absenteeism in Memphis schools could fall to 26% this year after years of steady increases

Memphis-Shelby County Schools reports new outreach efforts are beginning to reduce chronic absenteeism, a problem that has worsened since 20...