बेगूसराय: आज तक आपने टेस्ट ट्यूब बेबी के बारे में सुना होगा। लेकिन बिहार के बेगूसराय में टेस्ट ट्यूब बछिया ने जन्म लिया है। चौंकिए मत, बिहार में IVF तकनीक का पहली बार जानवर यानि गाय पर इस्तेमाल किया गया जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आए। मत्स्यपालन पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में एम्व्रियो ट्रांसफर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक से पहली बार गाय ने बछिया को जन्म दिया है। इस तकनीक से गाय हर बार बछिया ही जन्म देगी।
पशुपालक की गाय से पहला प्रयोग
दरअसल मंत्री गिरिराज सिंह की पहल पर 27 सितंबर 2020 को बिहार में पहली बार मवेशियों के नस्ल सम्बर्धन एवं संरक्षण के लिए एम्ब्रियो ट्रान्सफर (EMBRYO TRANSFER -ET)इन विट्रो फर्टिलायजेशन(IN VITRO Fertilisation-IVT) क्रांतिकारी पहल की शुरुआत जोकिया गांव से की गई। इसमें जोकिया समिति के पशुपालक ललित कुमार सिंह के गाय में IVF तकनीक एम्ब्रियो ट्रांसफर किया गया था। जिसके बाद 3 जुलाई यानि कल गाय ने एक स्वस्थ बछिया को जन्म दिया।
ऐसे काम करती है ये तकनीक
जानवरों की IVF तकनीक में प्रशिक्षित पशु चिकित्सक अल्ट्रा साउंड गाइडलेट फॉलक्यूलर एज एस्पाईरेशन (Utra Sound-Guidet Follicular As Aspiration) तकनीक का उपयोग कर गाय से अंडा (Oocytes) निकाला जाता है। फिर इसे पेटरी डिश में रख कर अगले दिन सीमेन से निषेचन कराया जाता है। निषेचित अंडे को इनक्यूबेटर (Incubator) में सात दिन संरक्षित कर भूर्ण बनाया जाता है। इसके बाद जीवंत भूर्ण (Embryo) को गाय के गर्भाशय में डाल दिया जाता है।
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