महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच अपनी सरकार बचाने का जुटे सीएम उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात बड़ा सियासी दांव खेला। उद्धव अपने परिवार सहित सरकारी आवास वर्षा से अपने निजी आवास मातोश्री शिफ्ट हो गए। उद्धव ठाकरे पत्नी रश्मि और दोनों बेटे आदित्य और तेजस के साथ जब वर्षा से रवाना हुए तो वहां समर्थकों का हुजूम था। वर्षा से बाहर निकलते वक्त समर्थकों के हुजूम ने उद्धव ठाकरे की गाड़ी को घेर लिया।
वहीं जब उद्धव मातोश्री पहुंचे तो वहां भी बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे। मातोश्री के बाहर नारे लगाए गए, 'उद्धव तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।' इस दौरान उद्धव ने गाड़ी से उतकर समर्थकों का अभिवादन किया तो वहीं बेटे आदित्य ने गाड़ी पर खड़े होकर विक्ट्री साइन दिखाकर समर्थकों का जोश बढ़ाने का काम किया।
सीएम आवास खाली करके क्या संदेश दे रहे उद्धव?
दरअसल, सरकारी आवास खाली करके उद्धव ठाकरे अपने समर्थकों और विधायकों को इशारा दे रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं है। उद्धव के इस स्टैंड को इमोशनल कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले उन्होंने फेसबुक लाइव के दौरान भावुक होते हुए कहा था कि उन्हें सीएम पद की लालसा नहीं है और वो इस्तीफा देने को तैयार हैं। उद्धव ने ये भी कहा था कि वह सीएम आवास तक छोड़ने को तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक, उद्धव अब मातोश्री से ही कामकाज संभालेंगे।
राउत बोले - उद्धव नहीं देंगे इस्तीफा
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं और वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। राउत ने कहा कि अगर फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने का मौका मिलेगा तो करेंगे। संजय राउत ने स्पष्ट किया कि एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की पेशकश वाली बात बिल्कुल गलत है।
एकनाथ शिंदे के बागी सुर बरकरार
उधर शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे अभी भी अपनी बात पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए महाविकास अघाड़ी सरकार से बाहर निकलना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले ढाई सालों में एमवीए सरकार ने केवल घटकों को फायदा पहुंचाया और शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ।
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