उज्जैन
धर्म नगरी उज्जैन में कार्तिक माह की बैकुंठ चतुर्दशी की अर्धरात्रि को हरिहर मिलन का आयोजन होता है। यहां भगवान महाकाल सवारी के रूप में पालकी में बैठकर गोपाल मंदिर पहुंचे। परंपरा अनुसार यहां भगवान शिव भगवान विष्णु को पृथ्वी का भार सौंप कर कैलाश पर्वत चले गए हैं।
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भगवान विष्णु और शिव के इस मिलन को हरिहर मिलन कहते हैं। कोरोना गाइड लाइन के कारण यहां धारा 144 लगी हुई थी, जिसकी वजह से काफी कम संख्या में श्रद्धालु दिखाई दिए। साथ ही पूर्व के वर्षो की तुलना में इस वर्ष महाकाल सवारी में केवल पालकी ही शामिल की गई। बैंड, हाथी, घोड़े व भजन मंडली पर प्रतिबंध रहा है।
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