यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020' को शनिवार को मंजूरी दे दी है। अब यह पूरे प्रदेश में लागू हो गया है। कोई व्यक्ति यदि अपने पहले के धर्म में वापसी करता है तो यह अध्यादेश उस पर लागू नहीं होगा। अध्यादेश में साफ है कि जबरन धर्मांतरण करवाने वाले पर जेल-जुर्माना तो होगा ही साथ ही उसे पीड़ित को पांच लाख रुपये तक की क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। दोबारा अपराध करने पर सजा दोगुनी हो जाएगी। अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई भी जबरन, लालच देकर, दबाव बनाकर या अपने प्रभाव में लेकर किसी का धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसके खिलाफ पीड़ित के माता, पिता, भाई, बहन या कोई भी सगा या विवाह संबंधी और गोद लिया हुआ व्यक्ति एफआईआर दर्ज करवा सकता है।
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