Monday, March 29, 2021

कीचड़ से भरा मुश्किल रास्ता, गहरी खाई...जब खुद जीप चलाकर लोगों से मिलने पहुंचे अरुणाचल के CM

महंगी गाड़ियों के काफिले में अपने सफेद कपड़ों को दागों से बचाने वाले लालफीताशाहों को ये तस्वीर देखनी चाहिए। जनसेवा के नाम पर होने वाली सियासत का वीवीआईपी कल्चर भले ही आजकल टीवी से लेकर अखबार तक एक सामान्य सी बात बन गया हो, लेकिन इन सब के बीच एक राजनेता की इन तस्वीरों ने एक अलग लीक खींच दी है। पहाड़ के रास्ते पर कई फीट गहरे कीचड़ में खुद गाड़ी चलाते दिख रहा ये शख्स किसी ऐंडवेचर डॉक्यूमेंट्री का हीरो नहीं है। अंधेरे रास्ते पर करीब 15 किलोमीटर तक पैदल चलने का ये सफर किसी पहाड़ की ट्रेकिंग नहीं है और जवानों के साथ अपने वाहन को धक्का देता ये शख्स कोई राहगीर नहीं है।

ये शख्स अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू हैं, जिनकी गाड़ी भी हमारे और आपकी तरह एक कीचड़ भरे रास्ते में फंसी है। सीएम साहब जहां जा रहे हैं, उस गांव तक जाने के लिए हेलिकॉप्टर का विकल्प है, लेकिन इस बार यह तय हुआ है कि आम आदमी से मिलने उसी आम रास्ते से जाया जाएगा...जिनसे गरीब सीएम तक आने का रास्ता तय करता है। अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर चर्चा की विषय बनी हुई हैं। चर्चा क्यों है उसके पहले कहानी को तसल्ली से सुनिये।

दरअसल सीएम पेमा खांडू अपने राज्य के विजयनगर इलाके की यात्रा के लिए करीब 157 किलोमीटर का सफर करने निकले थे, जिसकी तस्वीर उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर की है। तस्वीर उस यात्रा की है, जिसमें पेमा खांडू विजयनगर में रहने वाले योबिन जनजाति के लोगों से मिलने के लिए गए थे और इस सफर में उन्होंने कई मुश्किल रास्तों पर गाड़ी चलाई। इसके अलावा वह सुरक्षाकर्मियों के साथ कीचड़ से अपनी गाड़ी निकालते हुए भी दिखे। इस सफर के दौरान सीएम ने 15 किलोमीटर ऐसे रास्ते पर सफर भी किया, जहां ना लाइट थी और ना कोई परिवहन का साधन।

खांडू जिस विजयनगर की यात्रा पर गए थे, वहां पर जाने के लिए फिलहाल कोई यातायात का साधन मौजूद नहीं है। वाहनों की आवाजाही के लिए यहां सड़क ना होने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में सीएम खुद उनकी समस्याओं को सुनने के लिए यहां पहुंचे। सीएम ने वादा किया कि जल्द ही इस रास्ते पर आवाजाही के लिए अच्छी सड़क बना दी जाएगी, जिससे कि आम लोगों को काफी लाभ मिलेगा। शायद सीएम के इसी वादे का असर था, जो उनके अपनी मंजिल पर पहुंचने के बाद लोगों ने उन्हें गले लगाया, मालाएं पहनाई और ये नारे भी लगाए कि भारतीय सियासत के आम लोगों तक पहुंचने की ये कोशिश ऐसे ही बुलंद होती रहे।




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