कोटा। राजस्थान की ऊर्जा उत्पादन में कीर्तिस्तभ कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 110-110 मेगावाट की फर्स्ट और सैकंड यूनिट अब 30 जून को बंद नहीं होगी। सोमवार को राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है। यूनिट बंद होने के बढ़ते आक्रोश और पार्टी नेताओं की ओर से भविष्य में यूनिट्स बंद करने के फैसले से पार्टी को होने वाले नुकसान को चेताने पर सरकार ने फैसला बदल लिया है। कोटा थर्मल को लेकर लिए गए अपने निर्णय को बदलते हुए सरकार ने इन दोनों यूनिट को 31 दिसंबर 2022 तक चलाने का फैसला लिया हैं।एनबीटी ने भी इस पूरे मुद्दे को जनसरोकार निभाते हुए प्रमुखता से उठाया। सरकार के उर्जा मंत्री बीडी कल्ला, उर्जा विभाग की ज्वाइंट सेक्रेट्री अनुपमा जोरवाल, आरयूवीएनएल के सीएमडी आरके शर्मा, कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन के चीफ इंजीनियर से दोनों यूनिटों को बंद करने का कारण पूछा था। लेकिन सभी चुप्पी साध गए थे। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने एनबीटी को आश्वत किया था कि, वह मामले में सोमवार को उर्जा मंत्री से वार्ता करेंगे। और सोमवार को एनबीटी की ओर से उठाए गए इस मुददे का बिग इंपैक्ट यह हुआ। यूडीएच मंत्री धारीवाल की उर्जा मंत्री बीडी कल्ला और उर्जा विभाग के सचिव दिनेश शर्मा से बातचीत की। इसके बाद शाम को मंत्री धारीवाल ने अपना वीडियो रिकॉर्ड बयान जारी किया।
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