रांची। लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों ने जब कई लोगों के समक्ष रोजी-रोजगार की समस्या खड़ी हो गई, ऐसे में बत्तख पालन करके रांची के एक उद्यमी ने खुद का स्वरोजगार तो बचाया ही है। अपने साथ कई लोगों को कमाई का जरिया देकर एक मिसाल कायम की है। स्वरोजगार के क्षेत्र में पोल्ट्री फार्मिंग उद्यमियों के लिए शुरू से लाभदायक रहा है।
मोहम्मद सरफराज अंसारी के पास हैं 20 से 25 हजार मुर्गी और बत्तख
पिछले सात वर्षों से लगातार मुर्गी और बत्तख पालन कर रहे रांची के उद्यमी मोहम्मद सरफराज अंसारी ने मेहनत के बल पर लॉकडाउन के दौरान अच्छी खासी कमाई की है। मोहम्मद सरफराज ने वैसे लोगों को भी रोजगार का मौका दिया है, जिनका लॉकडाउन के दौरान सब कुछ छूट गया था। मोहम्मद सरफराज अंसारी पोल्ट्री का व्यवसाय काफी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मोहम्मद सरफराज के व्यवसाय से लगभग 50 लोग जुड़े हुए हैं। इनके पोल्ट्री फार्म में एक साथ 20 से 25 हजार की संख्या में मुर्गी और बत्तख का पालन होता है।
अंसारी के पोल्ट्री व्यवसाय से कई लोगों को मिला रोजगार
मोहम्मद सरफराज अंसारी के पोल्ट्री व्यवसाय से कई लोगों को रोजगार मिल रहा है। मोहम्मद हसन और मोहम्मद अशफाक जैसे कई युवा लॉकडाउन के दौरान गांव घर में ही काम मिल जाने से आर्थिक मुसीबत झेलने से बच गए। बत्तख के मांस और अंडों में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने की वजह से संक्रमण काल के दौरान इसका उपयोग और अधिक बढ़ गया है। जिससे बत्तख पालन का व्यवसाय फल-फूल रहा है।
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