आकाश कुमार, औरंगाबाद
लगता है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब नक्सलियों से भी संवाद संबंध स्थापित करेगी। अघोषित तौर पर यह काम भी शुरू हो गया है। इसकी जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य संजय पासवान को मिली है। वो अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। माओवादियों को भारत के संविधान में विश्वास और आस्था रखते हुए सरकार से संवाद कायम करने की नसीहत दी।
संजय पासवान ने अपने 'मिशन' के सिलसिले में बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड के कासमा में टॉप के माओवादी नेता रहे जगदीश मास्टर से मुलाकात की। जगदीश मास्टर एक समय में भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो और मिलिट्री कमीशन के सदस्य रहे चुके हैं। भाजपा नेता ने जगदीश मास्टर से लगभग दो घंटे तक बातचीत की। दोनों के बीच कई गंभीर मामलों पर चर्चा हुई।
मीटिंग के बाद संजय पासवान ने कहा कि वे अपनी संस्था 'कबीर के लोग' की ओर से पटना से नक्सल नेता से एक टीम के साथ संवाद स्थापित करने आए थे। दिल्ली और पटना जहां चाहें, वहां मीटिंग हो सकती है। उन्होंने कहा कि माओवादी भी इसी देश के लोग हैं, उनसे विवाद नहीं संवाद होना चाहिए। वे चाहते हैं कि माओवादी मुख्यधारा में आएं, यही उनका प्रयास है। सरकार और माओवादियों के बीच बातचीत स्थापित हो, इसके लिए वे कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, जगदीश मास्टर ने सशर्त वार्ता की पेशकश की। उन्होंने कहा कि सरकार हथियार छोड़ कर नक्सलियों से बातचीत करे। इसके पहले जेलों में बंद नक्सली रिहा किए जाएं और दमन चक्र बंद हो। इसके अलावा भी जगदीश मास्टर ने कई मुद्दों पर सरकार को खरी-खोटी सुनाया।
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