अमन राज, नवादा: ये है बिहार के नवादा जिले का बोलता पहाड़...यहां के लोग इसे बोलता पहाड़ क्यों कहते हैं ये तो आपको समझ आ ही गया होगा। पहाड़ से कुछ दूरी पर खड़े होकर आप जोर से कुछ भी कहेंगे तो पहाड़ की तरफ से आपको वही आवाज सुनाई देगी। वैज्ञानिक भाषा में कहा जाए तो इसे ध्वनि परावर्तन यानी साउंड रिफ्लेक्शन कहा जाता है। लेकिन स्थानीय लोग इसे सरल भाषा में बोलता पहाड़ कह देते हैं। कौआकोल प्रखंड के तरौन गांव में स्थित ये बोलता पहाड़ जिला मुख्यालय से 41 किलोमीटर की दूरी पर है। ये पहाड़ ही इस इलाके का सबसे बड़ी पहचान बन चुका है। इलाके की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। जंगलों के बीच मनोरम वादियों में स्थित इस पहाड़ को देखने आसपास के जिलों से भी लोग आते हैं। खास बात ये है कि यहां दुर्लभ जंगली जड़ी-बूटियां भी मिलती हैं। आयुर्वेद के जानका यहां से जड़ी-बूटी ले भी जाते हैं। लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत है कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस इलाके के विकास और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कुछ नहीं किया। अगर इसे विकसित किया जाता तो पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों को काफी फायदा होता।
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