Monday, January 31, 2022

Omicron Variant Study: इतनी तेजी से क्यों फैल रहा ओमीक्रोन? इस नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वेरिएंट प्लास्टिक की सतह पर आठ दिनों तक जिंदा रह सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि ओमीक्रोन त्वचा पर 21 घंटे तक एक्टिव रहता है। अलग-अलग सतहों पर सबसे ज्यादा समय तक जिंदा रहने को ही ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा संक्रामक होने की मुख्य वजह माना जा रहा है।

इस स्टडी को जापान के क्योटो में स्थित प्रिफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया है। ओमीक्रोन वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही खतरनाक बता चुका है। अमेरिका, ब्रिटेन के अलावा कई यूरोपीय देशों में कोरोना के मामलों के बढ़ने के पीछे इस वेरिएंट को ही जिम्मेदार बताया गया है।

क्योटो प्रिफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने सार्स-कोव-2 वायरस के वुहान में मिले स्वरूप के अलग-अलग सतहों पर जीवित रहने की क्षमता की तुलना अन्य गंभीर स्वरूपों से की। शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमीक्रोन स्वरूप वायरस के वुहान वेरिएंट के मुकाबले त्वचा व प्लास्टिक की परत पर दोगुने से भी ज्यादा समय तक टिके रह सकते हैं।

यही कारण है कि इन स्वरूपों से संक्रमण की दर चीन के वुहान में मिले मूल वेरिएंट से कहीं ज्यादा दर्ज हुई है। हालांकि, इस अध्ययन की फिलहाल समीक्षा नहीं की गई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस वेरिएंट की पर्यावरण स्थिरता काफी परेशान करने वाली है, क्योंकि यह संपर्क के जरिये फैलने के खतरे को बढ़ाते हैं।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि ओमिक्रोन वेरिएंट अन्य वेरिएंट के मुकाबले सबसे लंबे समय तक पर्यावरण में मौजूद रहता है और इसी वजह से इसका प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वेरिएंट जल्द ही डेल्टा वेरिएंट की जगह ले सकता है।


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