मुजफ्फरपुर: शहर का रेडलाइट एरिया अब तक बदनामी के लिए ही चर्चा में रहा है, लेकिन अब छवि बदलने लगी है। वहां की महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह बनाकर काम शुरू कर दिया है। उनके इस काम को उद्योग विभाग ने भी सराहा है। इस 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को उद्योग विभाग भी सहयोग करेगा। यहां महिलाएं एक समूह में दुकान से बचे कपड़े लाकर लेडिज रेडीमेड वस्त्र तैयार कर रही हैं। अब उद्योग विभाग रेडिमेड क्लस्टर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ेगा।
चतुर्भुज स्थान के जोहरा गली में संचालित महिलाओं के इस समूह को बिहार हाट में अपनी कला दिखाने का मौका मिलेगा। जोहरा संर्वद्धन स्वयं सहायता समूह में 12 महिलाएं शामिल हैं। समूह की अध्यक्ष अमरूल निशां, सचिव और कोषाध्यक्ष शमीमा खातून है।
शमीमा ने बताया कि बचे कपड़े को जमा करने के बाद जोहरा सिलाई सेंटर में महिलाएं वस्त्र तैयार करती हैं। थान से बचा कपड़ा कम रेट में मिल जाता है। उद्योग विभाग से समन्वय बनाने वाली परचम संगठन की सचिव नसीमा खातून ने बताया कि इस समूह को पूर्ण रूप से सक्रिय करने के लिए जिला उद्योग केंद्र और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अधिकारी से मिलकर पहल की गई है।
उद्योग महाप्रबंधक ने महिलाओं के इस बेहतर प्रयास को देखकर उनको तकनीकी और बैंक से जोड़कर सहयोग करेगा। वहां पर रेडीमेड क्लस्टर का निर्माण हो, इस दिशा में पहल शुरू कर दी गई है, जिससे यह जिले का एक मॉडल समूह बन जाएगा। एक विशेष समुदाय के लोगों का यह समूह जो उत्पादन करेगा, उसको बाजार दिलाने का काम विभाग करेगा। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई योजना चल रही। वह बैंक से समूह को जोड़ेंगे, ताकि उनको आर्थिक सहायता मिले।
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