Friday, September 2, 2022

खाना-पानी नहीं, बिजली भी गायब... बाढ़ से तबाह प्रयागराज की मुसीबत देखिए

प्रयागराज में बाढ़ का पानी तो घट गया, लेकिन बाढ़ प्रभावित लाखों लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के घरों में बाढ़ के पानी के साथ गंदगी, मच्छर-मक्खी, विषैले जीव-जंतु भी घरों में पहुंच चुके हैं। चारों तरफ फैली गंदगी, कीचड़, बदबू और बीमारी फैलने की आशंका से लोग परेशान हैं। बाढ़ का पानी कम हो गया तो नाव का गलियों के रास्ते बाढ़ग्रस्त घरों तक पहुंचना भी बंद हो गया। सड़क मार्ग से भी उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है क्योंकि गलियों में अभी भी 2-3 फीट कीचड़-पानी भरा हुआ है। उस पर जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा अलग से है। ऐसे में उनकी मूलभूत जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं।

राहत सामग्री के सहारे कट रही जिंदगी
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकांश घरों के लोग जिला प्रशासन, NDRF और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की ओर से वितरित राहत सामग्री, लंच पैकेट के सहारे ही जीवन यापन कर रहे हैं। कोचिंग नगर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे सत्यम पंकज और नीरज आदि ने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कत पीने के पानी की है। राहत सामग्री तो मिल जा रही है लेकिन पेयजल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। करीब 10 दिन से वो लोग घर की ऊपरी मंजिल पर रह रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली पानी की सप्लाई बाधित होने से घरों की ऊपरी मंजिल में ठिकाना बनाए लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है।

गंगा यमुना नदियों का जलस्तर घटा
प्रयागराज में गंगा -यमुना नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। पिछले 24 घण्टे में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर नीचे पहुंच चुका है। बता दें कि करीब 10 दिन पहले शहर के सभी कछारी क्षेत्रों में बसे मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस चुका था। करीब तीन दर्जन मोहल्लों में स्थिति बहुत भयावह थी। बाढ़ का पानी निचले कछारी क्षेत्र के घरों की पहली मंजिल को डुबो चुका था। लोग घरों की छतों पर या दूसरी तीसरी मंजिल में लोग शिफ्ट हो गए थे। जिला प्रशासन,पीएसी,एनडीआरएफ की टीमों द्वारा लगातार रेस्क्यू किया जा रहा था। राहत शिविरों में हजारों परिवार पहुंच चुके हैं।

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
शहरी क्षेत्र में बाढ़ से सबसे ज्यादा से प्रभावित छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, गोविंदपुर, मेहदौरी, राजापुर, नेवादा,अशोक नगर, गंगा नगर, द्रौपदी घाट, बेली, ऊंचवागढ़ी, दारागंज, करैली, करेलाबाग के मुहल्ले हुए हैं। इसके साथ ही म्योराबाद, शंकरघाट, शिवकुटी, चिल्ला, सादियाबाद, बघाड़ा, ककरहा घाट, सदियापुर, बख्शी मोढ़ा,करेहदा क्षेत्र भी बाढ़ का पानी पहुँच चुका था । प्रशासन की ओर से 20 बाढ़ राहत शिविर संचालित हो रहे हैं।

प्रतियोगी छात्रों का हुआ था पलायन
प्रयागराज में अधिकांश प्रतियोगी छात्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के मोहल्लों में बने लाजों और मकानों में किराये पर रहते हैं। पिछले 10 दिनों से हजारों छात्रों ने पलायन किया था।अधिकांश छात्र अपने गांव चले गये और कुछ लोग अपने प्रतियोगी मित्रों के यहाँ ठहरे हैं। बाढ़ राहत शिविरों में भी सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों ने शरण ली है।




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