उज्जैन: भगवती की आराधना का पर्व नवरात्रि (navratri 2022) की शुरुआत हो गई है। नौ दिन माता की आराधना, पूजा और गरबों के आयोजन का उत्साह सभी भक्तगणों में होता हैं। नवरात्रि के आरंभ होते ही शक्तिपीठ नगरी उज्जैन के माता मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली है। उज्जैन स्थित माता हरसिद्धि मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। यही वजह है कि नवरात्रि के मौके पर माता हरसिद्धि के दरबार में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आ रहे हैं। 52 शक्तिपीठों में से एक उज्जैन स्थित माता हरिसिद्धि का मंदिर है।
शास्त्रों में प्रचलित कथा के अनुसार उज्जैन के इस स्थान पर सती माता की कोहनी गिरी थी। यह स्थान शक्ति की आराधना का बड़ा केंद्र बन गया। माता हरसिद्धि को उज्जैन के राजा सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी भी माना जाता है। करीब चार हजार साल पुराने इस मंदिर का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है। यही वजह है कि माता के दरबार में नवरात्रि पर भक्तों का मेला लगता है। पुजारियों के मुताबिक माता हरसिद्धि का मंदिर शक्तिपीठ होने से भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। माता हरसिद्धि की दिव्य प्रतिमा का नवरात्रि पर विशेष श्रृंगार किया जाता है।
सुबह और शाम विशेष पूजन-अर्चन किया जाता है। उसके बाद शाम सात बजे माता हरसिद्धि की भव्य आरती होती है। ढोल नगाड़ों के साथ माता के दरबार में नवरात्रि पर विशेष आरती होती। इस आरती में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी तादाद मंदिर में मौजूद रहती है। वैसे तो माता हरसिद्धि के दरबार में रोजाना भक्तों का मेला लगता है लेकिन नवरात्रि में इनकी संख्या खासी बढ़ जाती है। नवरात्रि में माता हरसिद्धि के दरबार में नौ दिनों तक विशेष पुजा पाठ चलते हैं। देश-विदेश से भक्त आते हैं और माता हरसिद्धि से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। माता हरसिद्धि भी अपने दरबार में आने वाले भक्तों की मुरादें पूरी करती है।
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