मध्यप्रदेश के बहुचर्चित संत भय्यूजी महाराज ने साल 2018 में इंदौर स्थित अपने आश्रम में गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में इंदौर की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। तीन साल बाद आए इस फैसले में तीन लोग दोषी करार दिए गए हैं।
इंदौर सिविल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक और ड्राइवर शरद को दोषी ठहराया है। तीनों को छह-छह साल कैद की सजा सुनाई है। सेवादार विनायक पहले से ही इस मामले में जेल में बंद है।
राष्ट्रीय संत कहे जाने भय्यूजी महाराज ने 12 जून 2018 को कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मॉडलिंग से अध्यात्म की ओर आए भय्यू महाराज प्यार और तकरार के ऐसे दलदल में फंसे कि उनको अपनी जान गंवानी पड़ी।
महाराज की जिंदगी में भूचाल दूसरी शादी के ख्वाब के बाद ज्यादा आ गया। गृहस्थ संत भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी पत्नी माधवी का 2015 में निधन हो गया था। पत्नी के निधन के कुछ दिनों बाद महाराज की केयरटेकर पलक पुराणिक के साथ बढ़ी।
पलक महाराज के इतने करीब पहुंच गई थी कि वह शादी का ख्वाब देखने लगी थी। इस बीच ग्वालियर की शिष्या डॉ आयुषी के साथ भी नवंबर 2016 से महाराज की नजदीकियां बढ़ने लगी। महाराज को डॉ आयुषी इतनी पसंद आ गई है कि वह शादी का विचार करने लगे।
15 दिन बाद ही 20 नवंबर 2016 को महाराज ने आयुषी को प्रपोज कर दिया था। इसके बाद दोनों परिवारों की मर्जी से 25 जनवरी 2017 को डॉ आयुषी और भय्यूजी महाराज की कोर्ट मैरिज हुई थी। बताया जाता है कि शुरुआत में डॉ आयुषी के परिवार के लोग शादी के लिए तैयार नहीं थे। मगर महाराज ने उनके सामने मजबूरी बताई थी।
कोर्ट मैरिज के बाद दोनों ने धूमधाम से 30 अप्रैल 2017 को शादी रचाई थी। कोर्ट में दिए बयान में डॉ आयुषी ने कहा था कि भय्यूजी महाराज ने मुझसे और मेरे परिवार को बताया था कि मेरी आस्तीन में बहुत सांप हैं। जल्दी शादी करनी होगी। इसके साथ ही आयुषी ने यह भी कहा था कि पलक शादी के बाद महाराज को धमकी देकर गई थी।
पलक ने महाराज की बड़ी बहन से कहा था कि उन्होंने मुझसे शादी नहीं की तो परिणाम बहुत खराब होंगे। साथ में विनायक और शरद ने भी भय्यूजी महाराज को बर्बाद करने की धमकी दी थी। आयुषी ने बताया कि पलक, विनायक और शरद लगातार महाराज को ब्लैकमेल कर रहे थे। साथ ही हर महीने उनसे लाखों की वसूली करते थे। कई बार ये लोग कोरे चेक पर साइन करवाते थे।
साथ ही रेप केस में फंसाने की धमकी देते थे। महाराज सब कुछ सहन करते रहते थे। आज भी यह कयास लगाए जाते हैं कि महाराज ने इन्हीं लोगों से बचने के लिए डॉ आयुषी से शादी में जल्दबाजी की थी। मगर वह और उलझते गए। इस मामले में दोषियों को सजा तो हो गई है। मगर सवाल आज भी ये है कि भय्यूजी महाराज की संपत्ति पर हक किसका होगा।
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